यह खबर भी हौसला बढ़ाने वाली है कि जल प्रबंधन पर शोध के लिए होनहार युवक आगे आ रहे हैं। कई युवाओं को इस संदर्भ में अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं। जल संरक्षण एवं प्रबंधन के कार्य में अनेक युवा आज शोधरत हैं। यहाँ इस उल्लेख का तात्पर्य यह है कि हमारे युवाओं में योग्यता, लगन, जूनून, जज्बा सब कुछ है, जिनका इस्तेमाल पानी के सवालों को हल करने के साथ ही सही ढंग से सही समय पर किया जाए तो बात बन जाए।
This news is also encouraging that promising youth are coming forward for research on water management. Many youths have also received many awards in this context. Today many youth are researching in the work of water conservation and management. The meaning of this mention here is that our youth have ability, passion, passion, passion, everything, which is used in the right way along with solving the water questions, then it becomes a matter.
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महर्षि दयानन्द की निष्पक्षता महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश की भूमिका में लिखा है कि यद्यपि मैं आर्यावर्त देश में उत्पन्न हुआ और बसता हूँ, तथापि जैसे इस देश के मत-मतान्तरों की झूठी बातों का पक्षपात न कर यथातथ्य प्रकाश करता हूँ, वैसे ही दूसरे देशस्थ व मत वालों के साथ भी वर्तता हूँ। किसी वीतराग संन्यासी के इन शब्दों से यह...
महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...