विश्वास खो बैठना
केवल झूठ बोलना ही असत्य नहीं है। अन्य प्रकार से अपने द्वारा किसी को भ्रम में डाल देना; यह सारा क्रियाकलाप भी असत्य की परिधि में ही आता है। उसे एकदूसरे शब्दों में चाल या ठगी भी कह सकते हैं। भले ही किसी का पैसा न ठगा गया हो, पर विश्वास को ठग लेना भी कुछ कम पाप या अपराध नहीं है। विश्वास खो बैठना, संदिग्ध एवं अप्रमाणिक रहना मनुष्य का अशोभनीय पतन है। प्रतिष्ठा उसी की है; जिसका विश्वास किया जा सकता सके।
Merely lying is not untrue. to mislead someone by means of oneself; All this activity also comes under the purview of untruth. In other words it can also be called trick or cheating. Even if someone's money has not been cheated, but cheating the trust is no less a sin or a crime. To lose faith, to remain suspicious and unverified is the indecent fall of man. His reputation belongs to him; that can be believed.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...