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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र मन्दिर है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Mandir Bank Colony Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Mandir Annapurna Indore is the only Mandir controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Indore. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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आनंद और उल्लास से भरे जीवन को जीने के बजाय हम दिन-दुःखियों-सा जीवन जी रह हैं, पर यदि हमें इन दुःखों से सर्वदा के लिए मुक्त होकर परम आनंद की उपलब्धि करनी है तो हम वर्तमान में जिस स्थिति में जी रहे हैं, जिस स्तर का जीवन जी रहे हैं, उसे ऊपर बहुत ऊपर हमें उठ जाना होगा,  पर साथ ही यह जानना भी बहुत आवश्यक होगा कि जाना होगा कहाँ ? मनुष्य जिस भगवान का अंश है; मनुष्य के अंदर जिस भगवान की चिंगारी है; मनुष्य जिस भगवान के द्वारा देवदुर्लभ मानव तन पाकर धरती पर आया है और जिस भगवान से वियुक्त होने के कारण अनेक क्लेशों व दुखों को भोग रहा है, मनुष्य को उस भगवान के साथ ज्ञानपूर्वक युक्त होगा; भगवान के सत्-चित्-आनंदस्वरूप में स्वयं को चिरप्रतिष्ठित करना होगा। 

Instead of living a life full of joy and gaiety, we are living a life of sorrows, but if we want to achieve ultimate bliss by getting rid of these sorrows forever, then the situation in which we are living in the present. We are living a standard life, we have to rise above it very much, but at the same time it will be very important to know that where to go? The God of whom man is a part; The spark of God within man; The God through whom man has come to earth after getting a rare human body and is suffering from many sorrows and sorrows due to separation from the God, man will be consciously associated with that God; One has to establish himself in the Sat-Chit-Anand form of God.

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