खुशमिजाज
सख्त चेहरा चट्टान की तरह होता है और मुस्कराता चेहरा गुलाब की तरह। आप खुद ही निर्णय कीजिए कि आप गुलाब होना चाहते हैं या चट्टान? तय है औरों को खुशियां वही बाँट सकेगा जो स्वयं खुशमिजाज रहेगा। अपने जीने के तरीकें को सही-सकारात्मक बनाइए। जीने का गलत तरीका है - गलत सोच > गलत नजरिया > गलत वाणी > गलत व्यवहार > गलत आदत > गलत नियति = हिंसा, स्वार्थ और तनाव। जीने का सही तरीका है: सही सोच > सही नज़रिया > सही व्यवहार > सही आदत > सही नियति = प्रेम, शान्ति और सम्मान।
A hard face is like a rock and a smiling face is like a rose. You decide for yourself whether you want to be a rose or a rock? It is certain that only those who remain happy themselves will be able to distribute happiness to others. Make your way of living right-positive. Wrong way of living is - wrong thinking > wrong attitude > wrong speech > wrong behavior > wrong habit > wrong destiny = violence, selfishness and tension. The right way to live is: Right thinking > Right attitude > Right behavior > Right habit > Right destiny = Love, peace and respect.
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महर्षि दयानन्द की निष्पक्षता महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश की भूमिका में लिखा है कि यद्यपि मैं आर्यावर्त देश में उत्पन्न हुआ और बसता हूँ, तथापि जैसे इस देश के मत-मतान्तरों की झूठी बातों का पक्षपात न कर यथातथ्य प्रकाश करता हूँ, वैसे ही दूसरे देशस्थ व मत वालों के साथ भी वर्तता हूँ। किसी वीतराग संन्यासी के इन शब्दों से यह...
महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...