पाठ्यक्रम निर्माण करते समय दृष्टिकोण सद्भाव, समभाव एवं वैज्ञानिक निरंतरता के साथ होना चाहिए। इस संबंध में हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि पाठ्यक्रम ही तो वह ढाँचा है, जिसमें ढलकर विशेषज्ञ व विशिष्ट व्यक्तित्व तैयार होते हैं। आर्यसमाज विवाह करने हेतु समस्त जानकारियां फोन द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं। विवाह सम्बन्धी जानकारी या पूछताछ के लिए आप मो.- 9302101186 पर श्री देव शास्त्री से निसंकोच बात कर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा आपको जिस दिन विवाह करना हो उस मनचाहे दिन की बुकिंग आप फोन पर करा सकते हैं। फोन द्वारा बुकिंग करने के लिए वर-वधू का नाम पता और विवाह की निर्धारित तिथि बताना आवश्यक है। युगलों की सुरक्षा - प्रेमी युगलों की सुरक्षा एवं गोपनीयता की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रेमी युगलों की सुरक्षा सम्बन्धी दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अनुक्रम में हमारे आर्य समाज द्वारा विवाह के पूर्व या पश्चात वर एवं वधू की गोपनीयता एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विवाह से सम्बन्धित कोई भी काग़जात, सूचना या जानकारी वर अथवा वधू के घर या उनके माता-पिता को नहीं भेजी जाती है, जिससे विवाह करने वाले युगलों की पहचान को गोपनीय बनाये रखा जा सके, ताकि उनके जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो सके। 1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। 2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे। 3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो। 4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं। 5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्रतथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है। 6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए। आर्यसमाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम-1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं। अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा वैवाहिक जोड़ों की कानूनी सुरक्षा (Legal Sefety) एवं पुलिस संरक्षण (Police Protection) हेतु नियमित मार्गदर्शन (Legal Advice) दिया जाता है। विशेष सूचना- Arya Samaj, Arya Samaj Mandir, Arya Samaj Marriage, Head Office तथा Court Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो। सावधान करने के बाद भी जाने-अनजाने में यदि आप गलत जगह फंसते हैं, तो अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की कोई जवाबदारी नहीं होगी। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र, इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र" इन्दौर में ट्रस्ट द्वारा संचालित एकमात्र आर्यसमाज संस्कार केन्द्र है। इन्दौर में इसके अतिरिक्त ट्रस्ट का अन्य कोई मन्दिर या शाखा अथवा संस्कार केन्द्र नहीं है। आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बडे भवन, हॉल या चमकदार ऑफिस को देखकर गुमराह और भ्रमित ना हों। अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें- National Administrative Office
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Arya Samaj Mandir Annapurna Indore
Narendra Tiwari Marg, Near Bank of India
Opp. Dussehra Maidan,
Annapurna Indore (M.P.) 452009
Tel. : 0731-2489383, 8989738486, 9302101186
www.aryasamajindore.com
राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट
आर्य समाज मन्दिर, दिव्ययुग परिसर
बैंक कॉलोनी, अन्नपूर्णा रोड, इन्दौर (मध्य प्रदेश) 452009
फोन : 0731-2489383, 9302101186, 8989738486
www.aryasamajindore.com
While designing the curriculum, the approach should be with harmony, equanimity and scientific continuity. In this regard, it should always be kept in mind that the curriculum is the framework in which experts and special personalities are prepared.
Inter Caste Marriage Helpline Conductor | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Mandir Helpline Indore | Arya Samaj Online Indore | Arya Samaj Mandir Marriage Indore | Arya Samaj Vivah Vidhi Indore | Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability Indore | Pandits for Marriage Indore.
पाठ्यक्रम में कहीं भी किसी के भी प्रति नकारात्मक भाव, संकीर्ण सोच नहीं होना चाहिए। किसी जाति, धर्म, वर्ग के प्रति नकारात्मक सोच वाले अंश इसमें किसी भी रूप में शामिल न हों। ध्यान रहे पाठ्यक्रम का क्षेत्र केवल निर्धारित विषय तक ही सिमित न रहे। इसके माध्यम से उन्नत, मौलिक, उदार, सहिष्णु, सद्गुणसंपन्न एवं देश व समाज के प्रति दायित्वपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण भी इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
Arya Samaj Legal Wedding Indore | Arya Samaj Marriage Rituals Indore | Arya Samaj Wedding Indore | Legal Marriage Indore | Pandits for Pooja Indore | Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Marriage Rules Indore | Arya Samaj Wedding Ceremony Indore | Legal Marriage Help Indore | Procedure of Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Mandir Helpline Indore | Arya Samaj Online Indore | Arya Samaj Wedding Rituals Indore | Legal Marriage Helpline Indore | Procedure of Arya Samaj Wedding Indore | Arya Samaj Mandir Marriage Indore.
There should not be any negative feelings, narrow-mindedness towards anyone anywhere in the syllabus. Do not include in any form negative thoughts towards any caste, religion, class. Keep in mind that the scope of the course should not be limited to the prescribed subject only. Through this, its important objective is to build an advanced, original, liberal, tolerant, virtuous and responsible personality towards the country and society.
महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...