सद्भावना
सार्वजानिक सद्भावना मनुष्य की प्रभावशालीता बढ़ाने में बहुत सहायक होती है। प्रायः लोग सद्भावना का क्षेत्र अपने लोगों तक सीमित रखते हैं। ऐसे संकीर्ण सद्भावना वाले लोग परोक्ष रूप से स्वार्थी होते हैं। अपनों को दी हुई सद्भावना लौट-फिरकर अपने पास ही आ जाती है। विशेषता तो तब है कि अपनों के अतिरिक्त भी सद्भावना का प्रसाद अपरिचितों, अनजानों और अजनबियों को भी वितरित किया जाए तथा हो सके तो शत्रुओं और विरोधियों तक में।
Public goodwill is very helpful in increasing the effectiveness of human beings. Often people confine the sphere of goodwill to their own people. People with such narrow goodwill are indirectly selfish. The goodwill given to loved ones comes back to itself. The specialty is that in addition to loved ones, the offerings of goodwill should also be distributed to strangers, strangers and strangers, and possibly even to enemies and opponents.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...