भय को दें तिलांजलि
संयमी व्यक्ति तनाव से मुक्त होता है, इसलिए वह हर काम गुणता से करता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है - ''किसी भी क्षेत्र में शासन वही व्यक्ति कर सकता है, जो खुद अनुशासित होता है।'' इस ऐहिक जगत में अथवा आध्यात्मिक जगत में भय ही पतन तथा पाप का कारण है। भय से ही दुःख होता है, यही मृत्यु का कारण है तथा इसी के कारण सारी बुराई होती है और भय होता क्यों है ? आत्मस्वरूप के अज्ञान के कारण।
A restrained person is free from stress, so he does everything with quality. Swami Vivekananda has said - "In any field can be ruled by a person who is disciplined himself." In this material world or in the spiritual world, fear is the cause of downfall and sin. Fear only causes sorrow, it is the cause of death and because of this all evil happens and why is there fear? Because of ignorance of the Self.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...