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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र मन्दिर है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज मन्दिर बैंक कालोनी के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Mandir Bank Colony Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Mandir Annapurna Indore is the only Mandir controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Indore. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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चिरस्थायी
सुन्न मरै अजपा मरै, अनहद हु मरि जाए। राम सनेही ना मरै, कहै कबैर समुझाए।। - शब्द और अर्थ की दृष्टि से विचार करें, तो यह पद एकदम साधारण प्रतीत होता है; किंतु इसमें जो भाव-गम्भीर्य है, वह आसाधारण है। ज्ञानी सदा से कहते आए हैं कि दुनिया की कोई भी वस्तु चिरस्थायी नहीं। सब एक-न-एक दिन छूट जाती हैं। इसलिए व्यक्ति को धनार्जन नहीं, ज्ञानार्जन करना चाहिए, कारण वही अनश्वर और शाश्वत है। कबीर इससे भी एक कदम आगे बढ़कर कहते हैं कि ज्ञान, ध्यान, अनुभव- यह सब स्थिर नहीं। एक दिन यह भी छूटेंगे, मिटेंगे इ बचे रह जाएँगे सिर्फ ज्ञानी, ध्यानी, अनुभोक्ता।

Sunn mai ajpa mai mai, ahad hu mar jaye. Ram sanehi na marai, kair kabair explain. - If we consider from the point of view of words and meaning, then this post seems very simple; But the seriousness in it is extraordinary. The wise have always been saying that nothing in the world is permanent. Everyone leaves one day or the other. That's why a person should not earn money, but should earn knowledge, because he is immortal and eternal. Kabir goes one step ahead and says that knowledge, meditation, experience – all these are not stable. One day these will also be left, will be erased, only the knowledgeable, the meditative, the enjoyer will be left. 

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