अभीष्ट साधना
किसी भी महत्वपूर्ण काम की सफलता के लिए आवश्यक योग्यता की वृद्धि, अभीष्ट साधना एवं अनवरत श्रम की आवश्यकता होती है। इतने पर भी बीच-बीच में परिस्थितिवश आसाधारण कठिनाइयाँ आती और असफलताएँ दीखती हैं। एक विद्वान का कथन है कि हर असफलता यह बताती है कि जितने साधन और श्रम की आवश्यकता थी उसमें कमी रह गई। इसलिए अब की बार उसे दुने उत्साह के साथ करना चाहिए। राणा प्रताप जैसे अनेक योद्धाओं को जीवन भ भर कठिनाइयाँ और असफलताएँ घेरे रहीं, पर उन्होंने मन मलीन नहीं होने दिया और एक तरह न सही दूसरी तरह निश्चित लक्ष्य तक पहुँचने का प्रयत्न किया।
For the success of any important work, there is a need for the growth of the necessary abilities, the desired sadhana and the constant labor. Even so, sometimes extraordinary difficulties arise and failures are seen. A scholar says that every failure shows that the resources and labor needed were lacking. So this time he should do it with double enthusiasm. Many warriors like Rana Pratap were surrounded by difficulties and failures throughout their lives, but they did not let their mind become tainted and tried to reach the definite goal in one way or the other.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...