साहसी व्यक्ति
ऐसे इंसान जो पुरानेपन के खोल से बाहर निकलने का साहस जुटा सकें। जिनकी सोच अपनी परंपराओं, रीती-रिवाजों एवं संकीर्णता के अगणित बंधनों से मुक्त हो। जो परंपराओं की तुलना में विवेक को महत्व देने का सहस कर सकें। ऐसे साहसी व्यक्ति ही विश्व संस्कृति के निर्माता हो सकते हैं। इन्हीं के भरोसे दुनिया अपने सवालों के सही समाधान खोज सकती है। इन नए मनुष्यों में खंडित दुनिया की उलझनें नहीं, समग्र विश्व की संवेदना स्पंदित।
Such people who can muster the courage to come out of the shell of oldness. Whose thinking is free from the innumerable shackles of its traditions, customs and narrow-mindedness. Those who can dare to give importance to discretion in comparison to traditions. Only such courageous people can be the builders of world culture. With the help of these the world can find the right solutions to its questions. In these new human beings, there is no confusion of the fragmented world, the sensitivity of the whole world is pulsating.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...