भाग्य का रोना
अगर व्यक्ति छोटी-छोटी रुकावटों को देखकर निराश हो जाता है, तो उसका चिंतित होना स्वाभाविक है। प्रयास करना मनुष्य का कर्तव्य होता है, लेकिन उस प्रयास का परिणाम देना किसी और के हाथ में होता है। जितनी गंभीरता से व्यक्ति परिणाम देखना चाहता है, संभवतः उतनी गंभीरता से प्रयास नहीं करता। हम लोग प्रायः किसी भी कार्य में असफल हो जाने पर तकदीर का ही दोष बताते हैं। अच्छा होगा यदि हम अपने भाग्य का रोना रोने की बजाय कार्यशैली के जो दोष रहे हैं, उन दोषों को पहचानें।
It is natural for a person to be worried if he gets frustrated at the sight of small hindrances. It is the duty of man to make effort, but it is in the hands of someone else to give the result of that effort. One probably doesn't put as much effort into it as seriously as one wants to see results. When we fail in any task, we often blame the fate. It would be better if instead of crying for our fate, we recognize the faults of our working style.
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महर्षि दयानन्द ने महिलाओं की शिक्षा पर सदैव बल दिया तथा बाल विवाह का घोर विरोध किया। प्राचीन आर्ष गुरुकुल प्रणाली और शिक्षा पद्धति का गहन अध्ययन व विश्लेषण करके ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास इन चारों आश्रमों के पालन पर बल दिया। उनका सम्पूर्ण जीवन व कृतित्व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण था।...
स्वयं से संवाद स्वयं से स्वयं के संवाद की जब स्थितियां नगण्य होती हैं तो नकारात्मकता देखने को मिलती है और भूलें बार-बार दोहरायी जाती हैं। हमेशा आपके आसपास ऐसे ढेरों लोग होते हैं, जो अपनी नकारात्मकता से आपको भ्रमित या भयभीत कर सकते हैं। ऐसे लोग हर युग में हुए हैं और वर्तमान में भी ऐसे लोगों का वर्चस्व बढ ही रहा है।...